जयपुर टू नागौर…राजस्थान कांग्रेस की ‘कलह कथा’ का नया दौर, पेपर लीक कांड में गहलोत पर पायलट का अटैक

राष्ट्रीय समाचार

राजस्थान में इस साल दिसंबर में होने वाले चुनावों के लिए प्रदेश कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस के शिविर में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने चार साल के काम का प्रेजेंटेशन दे रहे हैं, वहीं सचिन पायलट किसान सम्मेलन करने के साथ-साथ गहलोत पर सवाल भी उठा रहे हैं। नागौर की किसान रैली में सचिन पायलट का पूरा फोकस नौजवानों और किसानों पर ही था, तो वहीं निशाना बीजेपी पर था, लेकिन इशारों-इशारों में सचिन पायलट ने पेपर लीक केस के बहाने अशोक गहलोत की सरकार को भी घेरा। सचिन पायलट ने कहा कि जब पेपर लीक होते हैं, तो मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स और उनके परिवारों की मायूसी देखी नहीं जाती। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे मोटे दलालों को पकड़ रही है, इससे काम नहीं चलेगा, बड़ी मछलियों पर एक्शन होना चाहिए।

गहलोत के चिंतन शिविर में उनके कई मंत्री भी नहीं पहुंचे। जिस वक्त अशोक गहलोत जयपुर में चिंतन कर रहे थे, उस वक्त सचिन पायलट नागौर में किसान सम्मेलन कर रहे थे और अशोक गहलोत के मंत्री हेमाराम भी सचिन पायलट के साथ मंच से नौजवानों को नेतृत्व देने की मांग कर रहे थे। गहलोत को जब पता लगा कि हेमाराम भी सचिन पायलट की रैली में मौजूद हैं, तो उन्हें फौरन जयपुर तलब किया गया। हेमाराम ने सचिन पायलट की रैली में गहलोत के खिलाफ बयान दिया था। पार्टी इसे लेकर डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

नागौर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा, “नौजवानों के भविष्य की चिंता हम सब लोगों को है। मैं सच बताता हूं कि जब मैं अखबार में पढ़ता हूं। देखता हूं कि हमारे प्रदेश में कभी पेपर लीक हो गए, कभी परीक्षा रद्द हो गई तो मन आहत होता है। मन में पीड़ा होती है।” लाखों युवाओं द्वारा परीक्षाओं की तैयारी किए जाने का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि गांव में जब गरीब नौजवान तैयारी करता है, तो उसके माता-पिता व उसके परिवार को काफी परेशानियों और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वह दिन रात मेहनत करके किताबों के लिए पैसे जुटाते हैं। उन्होंने कहा कि गांव का नौजवान विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई करके परीक्षा की तैयारी करता है, लेकिन जब ऐसा प्रकरण सामने आता है, तो सच में मन बहुत आहत होता है।

बिना किसी का नाम लिए बिना पायलट ने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में छोटी-मोटी दलाली करने वालों के बजाय जो सरगना हैं, जो इस तरह के काम को होने देते हैं वे पकडे जाएंगे।” कांग्रेस नेता ने कहा कि इस देश के नौजवान को उसकी मेहनत का सही फल नहीं मिलेगा, तो उसके विश्वास में कमी आएगी जो हमारे समाज, प्रदेश, हमारे देश के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा।

सचिन पायलट ने अपने संबोधन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने की मांग भी केंद्र सरकार से की। उन्होंने कहा, “अगर देश का किसान और नौजवान संगठित हो गया, तो वह हर उस ताकत को जो तोड़ना चाहती है, अफवाह फैलाना चाहती और झूठ बोलकर सत्ता में आना चाहती है उसे परास्त कर देगा।” पायलट ने कहा कि जाति, बिरादरी, धर्म, भाषा, प्रांत के नाम पर हो रही राजनीति के जहर को केवल दो कौमें ही तोड़ सकती हैं, एक है जवानी और दूसरी है किसानी।

सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने तीन काले कृषि कानून बनाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया, पर किसानों ने आंदोलन कर सरकार को झुका दिया। किसान सम्मेलन में राज्य सरकार के मंत्री हेमाराम चौधरी, परबतसर से विधायक रामनिवास गावड़िया, दांतारामगढ़ से विधायक वीरेंद्र सिंह चौधरी, लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर भी मौजूद थे।

बाद में नागौर में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने राज्य सरकार द्वारा पेपर लीक कांड पर लगाम लगाने के लिए पारित किए एक कानून की ओर इशार करते हुए कहा, “कानून हमने पारित किए हैं, सभी सेफगार्ड भी हैं, लेकिन ये बार-बार हो रहा है। इसका तो इलाज ढूंढना पड़ेगा।” इसके साथ ही पायलट ने कहा कि इसको लेकर सरकार सहित सभी चिंतित हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “हम सभी चाहते हैं कि राजस्थान में हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने की परिपाटी बदलनी होगी। हमारा ध्येय यही है कि हम पार्टी, सरकार व कार्यकर्ताओं को एकजुट रखें।” उन्होंने कहा कि पार्टी एकजुट है व मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।

वहीं जयपुर में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां पर पेपर लीक करने वालों को कानून के दायरे में लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। गहलोत राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा के लिए यहां आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि कि पेपर लीक में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस ने दिसंबर में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में अब तक 37 अभ्यर्थियों समेत कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया है। दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए। इस मामले में एक स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेश बिश्नोई, एमबीबीएस छात्र भजनलाल और रायता राम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी भूपेंद्र सारण व सुरेश ढाका अभी पकड़ से बाहर हैं।


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