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यूपी को लकड़ी आधारित उद्योग लगाने की मंजूरी, सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी का आदेश खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में नए लकड़ी आधारित उद्योग स्थापित करने की मंजूरी दे दी। यूपी सरकार ने एक मार्च, 2019 को अधिसूचना जारी कर 3000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 80,000 से अधिक की रोजगार सृजन क्षमता के साथ इस उद्योग को स्थापित करने का फैसला लिया था। एनजीटी ने इस अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावना बढ़ेगी।
जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने एनजीटी के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया। पीठ ने फैसले में कहा, राज्य के सतत विकास के लिए और लकड़ी की उपलब्धता के मद्देनजर लाइसेंस देने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, एक जिम्मेदार राज्य के रूप में पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर विधिवत ध्यान दिया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।
यूपी सरकार के अनुसार, एनजीटी के फैसले में राज्य की चिंताओं के साथ, अधिसूचना को केंद्र सरकार के समर्थन की अनदेखी की गई है। सरकार ने फैसले को ‘एकतरफा’ दृष्टिकोण पर आधारित बताया था। एनजीटी ने अपने फैसले में एक मार्च, 2019 के नोटिस के अलावा उसके बाद जारी अस्थायी लाइसेंस को रद्द कर दिया था।
- 3,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा राज्य में
- 80,000 से अधिक रोजगार सृजन क्षमता इस उद्योग में
निर्देश…एक के बदले 10 पेड़ लगाने के नियम का सख्ती से पालन हो
शीर्ष अदालत ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आम और जामुन सहित प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति देते समय नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो।
- आवेदकों को एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने और उन्हें पांच साल तक बनाए रखने के आदेश का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।