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शिवसेना पार्षद और बीएमसी के ठेकेदारों पर आईटी की कार्रवाई
आयकर विभाग ने शिवसेना पार्षद और बीएमसी के कुछ ठेकेदारों के खिलाफ गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। मुबंई में आयकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए तीन दर्जन संपत्तियों का पता लगाया है। इसमें से कुछ बेनामी संपत्तियां भी हैं। इन संपत्तियों की कीमत 130 करोड़ रूपये बताई जा रही है।
आयकर विभाग ने 25 फरवरी को महाराष्ट्र की राजधानी मुबंई में लगभग 35 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन ठेकेदारों ने लगभग 200 करोड़ रुपये की आय में चोरी की है।
सीबीडीटी के बयान में यह भी कहा गया है कि यशवंत जाधव और उनके करीबियों द्वारा किए गए अनुबंधों पर काम करने वाले कुछ ठेकेदारों के आवास पर छापे मारे गए थे। गौरतलब है कि जाधव बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।
बयान में बताया गया है कि छापेमारी के दौरान डिजिटल सबूत, कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें सीज कर दिया गया है। इन सबूतों से जाधव और ठेकेदारों के बीच घनिष्ठ संबंध होने की बात साबित हुई है। इसके साथ ही लगभग 3 दर्जन अचल संपत्ति की भी जानकारी मिली है। इनकी कीमत लगभग 130 करोड़ रुपये है। सीबीडीटी ने दावा किया कि ये संपत्तियां, यशवंत जाधव के सहयोगियों, बेनामीधारियों के नाम पर हैं। जांच के दौरान यशवंत जाधव के खिलाफ हवाला कारोबार में संलिप्तता के सबूत भी मिले हैं।
गौरतलब है कि शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा एमपी संजय राउत ने छापेमारी की कार्रवाई वाले दिन आईटी विभाग पर हमला करते हुए कहा था कि मुबंई निकाय चुनाव को देखते हुए आईटी की ये कार्रवाई केवल शिवसेना को बदनाम करने के लिए की जा रही है।