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फरीदकोट के महाराजा की संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा बेटियों को, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फरीदकोट के तत्कालीन महाराजा सर हरिंदर सिंह बराड़ की शाही संपत्ति को लेकर तीन दशक से चल रही लंबी कानूनी लड़ाई का निपटारा कर दिया। शीर्ष अदालत ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकांश हिस्सा उनकी बेटियों अमृत कौर और दीपिंदर कौर को दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने संपत्तियों की देखभाल करने वाले महारावल खेवाजी ट्रस्ट को भंग कर दिया।
सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने महाराजा बराड़ की शाही संपत्ति के हिस्से से संबंधित हाईकोर्ट के आदेश में कुछ संशोधन भी किया है। सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने 28 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जुलाई 2020 में महारावल खेवाजी ट्रस्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसमें बराड़ की एक जून, 1982 को उसके पक्ष में की गई वसीयत को ‘जाली’ घोषित किया गया था।