राष्ट्रपति, पीएम की फौलादी सुरक्षा के लिए आज आएगा ‘अभेद्य किला’ एयर इंडिया वन, जानें खासियत

राष्ट्रीय समाचार

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की देश-विदेश की यात्रा के दौरान उन्हें और भी अधिक सुरक्षा मिलने वाली है। देश के प्रमुखों की यात्रा के लिए तैयार किया गया बोइंग 777 एयरक्राफ्ट का दूसरा विशेष विमान आज अमेरिका से भारत आ रहा है। इस मामले से संबंधित लोगों ने इसकी जानकारी दी। 

यह विशेष विमान आज अमेरिका से टेक ऑफ कर चुका है और शनिवार को दिल्ली पहुंचेगा। इसका पहला विमान एक अक्तूबर को भारत आया था। इन विमानों को कस्टमाइज करने का काम अमेरिका के डलास में किया गया है। विमानों के लिए भारत ने 2018 में बोईंग कंपनी से डील की थी। भारत को मिलने वाले इस विमान का नाम ‘एयर इंडिया वन’ रखा गया है। 
 
इन विमानों की खासियत यह है कि ये बिना रुके अमेरिका से भारत तक उड़ान भर सकते हैं। इस विमान के भारत आने के बाद यह देश के तीनों गणमान्य व्यक्तियों के लिए समर्पित विमान का पहला सेट होगा। इन विमानों के आने से पहले तक तीनों गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा के लिए एयर इंडिया के विमानों का प्रयोग किया जाता रहा है। 

विमान को जुलाई में ही बोइंग द्वारा एयर इंडिया को सौंपा जाना था, लेकिन दो बार इसमें देरी हुई। विमान की देरी में पहला कारण कोरोना वायरस महामारी रहा। वहीं, दूसरी बार तकनीकी कारणों के चलते इसमें कुछ हफ्तों की देरी हुई। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान, दोनों बी 777 विमानों को एयर इंडिया के पायलट नहीं, बल्कि भारतीय वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे।

अधिकारियों की मानें तो दोनों विमानों की खरीद और इनके पुनर्निर्माण की कुल लागत लगभग 8,400 करोड़ रुपये आंकी गई है। दोनों बी 777 विमान अत्याधुनिक मिसाइल रोधी प्रणाली से लैस हैं, जिसे लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेजर्स और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट्स (एसपीएस) कहा जाता है।  एयर इंडिया वन अग्रिम और सुरक्षित संचार प्रणाली से लैस है जो हवा में भी ऑडियो और वीडियो संचार फंक्शन का लाभ (बिना हैक हैक या टैप किए) उठाने की अनुमति देता है। 

क्या है इस विमान की खासियत…

मिसाइल एप्रोच वार्निंग सिस्टम: इस वार्निंग सिस्टम में लगे सेंसर की मदद से पायलट को मिसाइलों पर हमला करने में मदद मिलती है। 
इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर: दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है। 
डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम: यह मिसाइल रोधी प्रणाली है, जो विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है। 
चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम: रडार ट्रैकिंग मिसाइल से खतरा होने पर बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं, जिससे आगे छिपकर विमान निकल जाता है।
मिरर बॉल सिस्टम: डैनों में लगी यह तकनीक विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है। 
सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम: विमान चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम से लैस है। इससे रोशनीनुमा फ्लेयर्स मिसाइल को भ्रमित करने के लिए छोड़े जाते हैं। इनका तापमान जेट इंजन के नोजल या एक्जॉस्ट से ज्यादा 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है। 
हवा में ईंधन भरने की सुविधा: इस विमान में हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। एक बार ईंधन भरने पर यह विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 


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