एलएसी पर तनाव के बीच आईटीबीपी ने पहली बार लद्दाख में की महिला डॉक्टरों की तैनाती

राष्ट्रीय समाचार

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने पहली बार महिला डॉक्टरों को लद्दाख में तैनात किया है। लेह से सेना भेजने से लेकर आगे की जगहों पर उनकी देखभाल के लिए आईटीबीपी की महिला डॉक्टरों को सभी तरह के चार्ज दिए गए हैं।

सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आईटीबीपी ने अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में बदलाव किया है। पहले किसी भी महिला अधिकारी को ऐसे स्थानों पर तैनात करने की इजाजत नहीं थी। आईटीबीपी ने लिंग भेद की परवाह किए बिना कुछ हफ्ते पहले महिला डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को लद्दाख भेजा था।

इन महिला अधिकारियों को सैनिकों की चिकित्सा जरूरत और देखभाल का काम सौंपा गया है। सैनिकों की सहायता के लिए चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को विभिन्न रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है। फार्मासिस्ट और नर्सिंग सहायकों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि पहले, केवल पुरुष डॉक्टरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास फॉरवर्ड पोस्ट के लिए भेजा जाता था।

लेह स्थित सैन्य अड्डे पर देशभर से सैनिक पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें सख्त मेडिकल जांच से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र मिलता है। प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी महिला चिकित्सक डॉ. कात्यायनी शर्मा पर है, जिनके पास लेह सैन्य अड्डे की अन्य चिकित्सा सेवा की भी जिम्मेदारी है। डॉ. शर्मा पर केवल फिट सैनिकों को आगे के स्थानों पर भेजने की जिम्मेदारी है। डॉ. शर्मा द्वारा अंतिम मंजूरी मिलने के बाद पहले प्रत्येक टुकड़ी को जांच के तीन चरणों से गुजरना पड़ता है।

चीन के अलावा कोरोना भी लेह में एक खतरा है। आईटीबीपी ने देशभर से लेह पहुंच रहे सैनिकों के लिए एक बेस बनाया है, जहां निर्धारित अवधि के लिए उन्हें क्वारंटीन किया जाता है। यहां जवानों को चार स्तर की शारीरिक जांच से गुजरना पड़ता है।

लेह में सैनिकों को तापमान जांच, ब्लड टेस्ट समेत अन्य महत्वपूर्ण जांच से गुजरना होता है, जो कि सैनिकों को अग्रिम ठिकानों पर भेजने के लिए अनिवार्य है। आईटीबीपी के डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर वाले सैनिकों पर कड़ी निगरानी रखते हैं। ब्लड प्रेशर का निर्धारित स्तर प्राप्त करने के बाद ही सैनिकों को फिटनेस जांच के लिए भेजा जाता है।


  • Sign up
Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.