आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का निधन, 2 दिन पहले डाला था वोट

राष्ट्रीय समाचार

आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का शन‍िवार सुबह न‍िधन हो गया। वे 106 साल के थे। वे हिमाचल प्रदेश में किन्नौर ज‍िले के कल्पा के रहने वाले थे। श्याम सरन नेगी काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने दो द‍िन पहले ही पोस्‍टल बैलेट के जर‍िए हिमाचल व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए वोट डाला था। अपनी अस्वस्थता के चलते उन्होंने बुधवार 2 नवंबर को अपने घर में ही वोट डाला। हालांकि, इससे पहले वे हर बार वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ पर जाते थे।

नेगी ने पहली बार 1951-52 के चुनाव में ह‍िस्‍सा ल‍िया था, जो देश का पहला चुनाव था। 106 साल के नेगी ने 34वीं बार वोट किया था। किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन सादिक ने श्‍याम सरन नेगी के न‍िधन की पुष्टि की। डीसी ने कहा कि मास्टर श्याम सरन नेगी आज दुनिया को अलविदा कह गए। ऐसे में आज उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सबसे बुजुर्ग वोटर के अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके निधन पर शोक जताया। सीएम ने ट्वीट किया, “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी।”

श्याम सरन नेगी स्कूल के रिटायर्ड टीचर थे। आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, नेगी का जन्म एक जुलाई 1917 को हुआ था। 106 साल की उम्र में न‍िधन से पहले उन्‍होंने ह‍िमाचल चुनाव में वोट डाला। उन्होंने पहली बार जब वोट किया था, तब वह 33 साल के थे। तब से लेकर मरने से पहले तक उन्होंने कभी भी अपना वोट बेकार नहीं जाने दिया।

नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में वोट डाले। इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने 34वीं बार वोट किया था। श्याम सरन नेगी को चुनाव आयोग ने 2014 के आम चुनाव के दौरान ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था। 12 जून, 2010 को मुख्य चुनाव आयुक्त ने उन्हें कल्पा आकर पहले मतदाता होने पर बधाई भी दी थी।


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