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भारत-चीन सीमा विवाद: दोनों पक्षों के बीच होगी डिविजनल कमांडर स्तर की वार्ता
भारत और चीन के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात को हुई हिंसक झड़प के बाद हालात को सामान्य करने के लिए आज दोनों पक्षों के बीच डिविजनल कमांडर स्तर की तीसरी वार्ता होगी। वहीं कुछ टीवी पत्रकार कल लेह पहुंचे। वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प के बाद यहां का दौरा करेंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को चीनी विदेशमंत्री वांग से हिंसक झड़प के लिए बेहद कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया। वांग की ओर से आए फोन पर बातचीत में दोनों पक्ष तनाव कम करने, मौजूदा हालात से निपटने और हालात नियंत्रित करने पर सहमत हुए।
भारत और चीन के बीच सुबह 10.30 बजे मेजर-जनरल स्तर की वार्ता शुरू होगी। इसमें गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। यह जानकारी सेना के सूत्रों ने दी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि समय की मांग यही है कि चीन सुधार की दिशा में कदम उठाए। उन्होंने कहा कि छह जून को सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर माहौल सामान्य बनाने पर सहमति के बाद स्थिति सामान्य होने की दिशा में प्रगति हो रही थी। चीन ने भारतीय सीमा के भीतर निर्माण करने की कोशिश की। जब यह विवाद की वजह बन गया तो चीन की सेना ने सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई की। इसके चलते हिंसा हुई।
चीन सीमा पर सेना, वायुसेना के अग्रिम बेसों और नौसेना को अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को हथियारों की खरीद करने की छूट भी दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, सेना ने अपने जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। नौसेना को मलक्का स्ट्रेट के पास या फिर हिंद महासागर क्षेत्र में कहीं भी तैनाती को लेकर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं।