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गुजरात में कोर्ट से राहत के बाद हार्दिक पटेल ने दिए चुनाव लड़ने के संकेत
इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कोर्ट से राहत मिलने के बाद चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया कि केवल चुनाव लड़ना ही मेरा मकसद नहीं है। मैं गुजरात के लोगों की सेवा करना चाहता हूं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के लिए उन्होंने न्यायपालिका का आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सिर्फ़ चुनाव लड़ना ही मेरा मकसद नहीं है बल्कि गुजरात के लोगों की सेवा मजबूती से कर पाऊं यही मेरा उद्देश है। आज से तीन साल पहले एक झूठे मुकदमे में मुझे दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की सजा पर रोक लगाई है, मैं न्यायपालिका का ह्रदय से धन्यवाद करता हूं।’
गौरतलब है कि पाटीदारों के लिए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करते हुए 2015 में आंदोलन किया गया था। इस दौरान गुजरात में हुए दंगों और आगजनी के मामले में हार्दिक पटेल को भी आरोपी बनाया गया था। वे पाटीदारों का नेतृत्व कर रहे थे। इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। कोर्ट ने मामले में दाखिल अपीलों पर फैसला आने तक कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगाई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि संबंधित हाई कोर्ट को उनकी सजा पर रोक लगानी चाहिए थी।
अहमदाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दाखिल की गई हार्दिक पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एस ए नजीर और न्यायाधीश विक्रम नाथ की बेंच ने कहा कि यह हाई कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के लिए एक उपयुक्त मामला होता। सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने मामले सुनवाई की शुरुआत में अभिवेदन दिया कि हार्दिक पटेल को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार का उल्लंघन है।
इस दौरान हार्दिक पटेल ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि मैं 2019 में चुनाव लड़ने का एक मौका पहले ही गंवा चुका हूं. हम अनुच्छेद 19(ए) के तहत अपने अधिकारों को लागू कराने के लिए न्यायालय के पास आए हैं। गौरतलब है कि इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में हार्दिक पटेल ने सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अपने चुनाव लड़ने के इरादे जाहिर कर दिए हैं।