भारत ने आखिर क्यों 5 देशों में खालिस्तान से जुड़े 9 लोगों को घोषित किया आतंकवादी
केंद्र सरकार ने पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपी नौ लोगों को आतंकवादी घोषित किया। इन लोगों को पिछले साल संशोधित किए गए भारत के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है।
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये नौ लोग पाकिस्तान समेत पांच देशों में स्थित अपने घरों से पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने इन नौ लोगों को ‘नैस्टी नाइन’ करार दिया।
जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और इसके ऑपरेशनल कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और इसके अलावा दाऊद इब्राहिम को भारतीय कानून के तहत आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए पहली बार पिछले साल सितंबर में यह प्रावधान लागू किया गया था।
इस आदेश पर इसलिए भी गौर करने की जरूरत है, क्योंकि इन चारों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया था। हाफिज सईद को तो संयुक्त राष्ट्र ने साल 2008 में ही वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था।
एक वरिष्ठ आतंकवाद विरोधी अधिकारी ने कहा कि यह अधिसूचना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार है कि आतंकवाद विरोधी कानून के इस प्रावधान को विदेशों में रह रहे खालिस्तान के प्रवर्तकों पर नकेल कसने के लिए लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि ये आतंकी विदेश में रहकर अभियान को अंजाम दे रहे हैं, इसलिए भारत में इनसे जुड़ी किसी भी संपत्ति को पुलिस जब्त कर सकती है और अपने विदेशी समकक्षों से इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कह सकती है।
इन लोगों को आतंकवादी घोषित करने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी। पंजाब पुलिस ने नौ में से एक, गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसके सहयोगियों के खिलाफ अमृतसर और कपूरथला में राजद्रोह और अलगाववाद के लिए एफआईआर दर्ज की है। पन्नू अमेरिका स्थित ‘सिख फॉर जस्टिस’ समूह के लिए कानूनी सलाहकार है, जिसे पिछले साल एक आतंकवादी समूह नामित किया गया था।