वीडियो वायरल होने के बाद कपिल मिश्रा पर लग रहे आरोप
मध्यप्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाके खरगोन में रविवार को रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव करने के कारण हिंसा फैल गई। इस हिंसा में दर्जनों पुलिस के जवानों के साथ लगभग 20 नागरिकों को चोटें आई हैं। शिवराज सिंह सरकार ने उपद्रवियों पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही है और अब तक पत्थरबाजी करने वाले 45 उपद्रवियों के घरों-दुकानों को बुलडोजर से ढहा दिया गया है। इसमें 16 मकान और 29 दुकानें शामिल हैं। लेकिन इसी के साथ एक वीडियो के सामने आने के बाद आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस हिंसा को भाजपा के ही एक नेता कपिल मिश्रा ने भड़काया था।
वायरल वीडियो के बारे में कहा जा रहा है कि जिस दिन खरगोन में हिंसा हुई, भाजपा नेता कपिल मिश्रा इस दिन उसी शहर में थे। कथित तौर पर उन्होंने एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे संप्रदाय विशेष के लोगों में नाराजगी पैदा हुई और इसी बीच शोभायात्रा निकाली गई। कथित तौर पर उस शोभायात्रा के दौरान भी कुछ युवकों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की जिससे लोगों की नाराजगी भड़क गई और लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव करना शुरू कर दिया।
हालांकि, जब इस बाबत अमर उजाला ने कपिल मिश्रा और अन्य भाजपा नेताओं से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और मनगढंत हैं। कपिल मिश्रा ने कहा कि रविवार के दिन जब यह हिंसा हुई, वे घटना स्थल से 40 किलोमीटर दूर एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। छोटा शहर होने के कारण देर शाम तक उन्हें यह खबर तक नहीं थी कि उसी शहर के किसी दूसरे हिस्से में पथराव जैसी कोई घटना भी घट चुकी है।