राजस्थान में सब ठीकठाक है… पायलट नहीं बना रहे कोई नई पार्टी, अफवाह है ये सब-बोले वेणुगोपाल

राष्ट्रीय समाचार

कांग्रेस ने शुक्रवार को इन अफवाहों को खारिज कर दिया है कि उसके नेता सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि, 11 जून को अपनी खुद की पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि वह राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री के संपर्क में हैं और कहा कि पार्टी एकजुट है और राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव सब मिलकर एक साथ लड़ेंगे। सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि नई पार्टी बनाने के मुद्दे पर ज्यादा प्रगति नहीं हुई है लेकिन पायलट की मांगे यथावत हैं।

हालांकि, पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह उन मुद्दों का समाधान चाहते हैं जो उन्होंने उठाए हैं, खासकर उनकी मांग कि अशोक गहलोत सरकार पिछली भाजपा सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। पायलट के करीबी नेताओं ने कहा कि उन्होंने एक “सिद्धांतपूर्ण स्थिति” ले ली है और यह पदों के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।

भ्रष्टाचार के अलावा, पायलट की दो अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन और इसमें नई नियुक्तियां करना और पेपर लीक के बाद सरकारी भर्ती परीक्षा रद्द होने से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा शामिल था।

एआईसीसी मुख्यालय में पीटीआई से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, ‘मैं अफवाहों पर विश्वास नहीं करता. हकीकत यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ चर्चा की और उसके बाद हमने कहा कि हम साथ चलेंगे. कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत है, कहीं कोर्ई दरार नहीं।”

पायलट द्वारा नई पार्टी बनाने की खबरों के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है।” वेणुगोपाल ने कहा कि वह पायलट से मिल रहे हैं और हाल ही में पायलट के संपर्क में हैं। उन्होंने मीडिया से भी आशावादी रहने और ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा।

वेणुगापाल ने कहा”आपको किसने कहा कि वह पार्टी से बाहर जा रहे हैं। ये काल्पनिक हैं … अफवाहें हैं। इन अफवाहों पर विश्वास न करें। आशावादी बनें। चिंता न करें, हम एकजुट होकर लड़ेंगे। राजस्थान कांग्रेस एकजुट होकर लड़ेगी।”

यह टिप्पणी इन अटकलों के बीच आई है कि पायलट रविवार को दौसा में अपनी पुण्यतिथि पर अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में अपनी पार्टी या अपनी भविष्य की योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।

बता दें कि 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2020 में पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसके बाद उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया गया था।


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